Helps In The Regulation Of Norepinephrine: The EGCG antioxidant in green tea helps in slowing the breaking down of norepinephrine, a hormone needed by nervous system to signal the fat cells to breakdown. By this, the fat cells break down efficiently, thereby helping in the weight loss process.
ब्रेन ट्यूमर में दिमाग में कोई बहुत सी कोशिकाएं या कोई एक कोशिका असामान्य रूप से बढ़ती है। सामान्यतः दो तरह के ब्रेन ट्यूमर होते हैं कैंसर वाला (घातक) या बिना कैंसर वाला (सामान्य) ट्यूमर।
दोनों ही मामलों में ब्रेन की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं, जो कि कई बार घातक सिद्ध होता है। इसके साथ सबसे बड़ी परेशानी है कि इसके कोई विशेष कारण नहीं हैं, केवल कुछ शोधकर्ताओं ने इसके कुछ रिस्क फैक्टर्स का पता लगाया है।
ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन उम्र के अनुसार इसका जोखिम बढ़ जाता है। कई मामलों में तो यह आनुवांशिक कारण हो सकता है और कई बार किसी केमिकल के ज्यादा इस्तेमाल या रेडिएशन से हो सकता है। बहुत से लोगों को पता ही नहीं चलता है कि उन्हें ब्रेन ट्यूमर है क्यों कि उनमें कोई लक्षण दिखाई ही नहीं देते हैं।
जब यह ट्यूमर बड़ा हो जाता है और स्वास्थ्य पूरी तरह बिगड़ जाता है तब लोग चैक-अप करवाते हैं और तब इसका पता चलता है। आइए जानते हैं ब्रेन ट्यूमर के दस लक्षणों के बारे में।
सिरदर्द- यह ब्रेन ट्यूमर का सबसे बड़ा लक्षण है। यह दर्द सामान्य तौर पर सुबह होता है और बाद में यह लगातार होने लगता है, यह दर्द तेज होता है। यदि ऐसा लक्षण दिखाई दे तो जांच जरूर कराएं।
उल्टी होना- सिरदर्द की तरह यह भी सुबह होता है, खास तौर पर जब व्यक्ति एक जगह से दूसरी जगह जाता है तब यह ज्यादा होता है।
कम दिखना- जब किसी को आक्सिपिटल के आस पास ट्यूमर होता है तो चीजें कम दिखाई देती हैं। उन्हें धुंधला दिखाई देने लगता है और रंगों व चीजों को पहचानने में परेशानी होती है।
संवेदना कम महसूस होना- जब किसी व्यक्ति के दिमाग के पराइअटल लोब पे ट्यूमर होता है तो उसे अपनी बाजुओं और पैरों पर संवेदना कम महसूस होती है, क्योंकि ट्यूमर से कोशिकाएं प्रभावित होती हैं।
बाॅडी को बैलेंस करने में परेशानी होना- जब किसी को ट्यूमर होता है तो उसके शरीर का संतुलन नहीं बन पाता है, क्यों कि यदि सेरिबैलम में ट्यूमर है तो वह मूवमेंट को प्रभावित करता है।
बोलने में परेशानी होना- यदि किसी को टैंपोरल लोब में ट्यूमर होता है तो बोलने में परेशानी होती है, सही तरह बोला नहीं जाता है।
सुनाई कम देना- जिन लोगों को दिमाग के टैंपोरल लोब में ट्यूमर होता है उन्हें सुनने में परेशानी होती है, कभी कभी सुनना पूरी तरह प्रभावित हो जाता है।
दौड़े पड़ना- ब्रेन ट्यूमर में दौरे पड़ना एक आम समस्या है। जब भी दौरा पड़ता है तो व्यक्ति बेहोश हो जाता है।